पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने हाल ही में दावा किया है कि गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल (टाइलेनॉल) लेने से बच्चों में ऑटिज्म का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को ऐसी दवा के उपयोग से “गैर-जिम्मेदार” बताया और इस पर सरकारी जांच तथा चेतावनी लेबल लगाने की मांग की।
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और कई वैज्ञानिक विशेषज्ञों ने इस दावे को वैज्ञानिक रूप से असिद्ध बताया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पिछले दस वर्षों के शोध के बावजूद अब तक ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है जो पैरासिटामोल और ऑटिज्म के बीच सीधा संबंध साबित करे। येल विश्वविद्यालय के एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. ज़ेयान लियू ने कहा कि कुछ अध्ययनों में लंबे समय तक उपयोग से हल्के न्यूरोलॉजिकल प्रभाव देखे गए हैं, लेकिन यह साबित नहीं करता कि दवा ही कारण है। इन परिणामों पर अन्य कारक जैसे बुखार, आनुवांशिक प्रवृत्ति या पर्यावरणीय स्थितियाँ भी असर डाल सकती हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह के दावे गर्भवती महिलाओं में अनावश्यक भय फैला सकते हैं। वे कहते हैं कि दर्द या बुखार को बिना इलाज छोड़ना माँ और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए महिलाओं को दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे