चमोली जिले के नंदननगर घाट इलाके में गुरुवार सुबह भारी बारिश के बीच बादल फटना से भयावह स्थिति बन गई है। इस घटना में आधा दर्जन से अधिक घर मलबे में दब गए हैं और कम से कम सात लोग लापता हो गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना कुंत्रि-लंगाफाली वार्ड के नगर पंचायत नंदननगर के पास हुई जहाँ अलकनंदा नदी के किनारे कई मकान और दुकानें प्रभावित हुई हैं।
जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि घने बादलफटने की तीव्र बारिश के कारण अचानक मलबा खिसक गया, जिसने करीब 10-12 मकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया है और कुछ और मकानों की स्थिति खतरनाक बनी हुई है। दो मकानाधिकारियों को बचा लिया गया है, बाकी पाँच लोग अभी भी लापता हैं। बचाव दलों ने मौके पर पहुंचने के लिए राहत-कार्य शुरू कर दिए हैं; SDRF, NDRF और स्थानीय तहसील टीमें पीड़ित इलाकों की ओर रवाना हो गई हैं।
सड़क मार्ग को खोलने के लिए जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है ताकि राहत व बचाव कर्मी प्रभावित इलाकों तक पहुंच सकें। प्रशासन ने राहत केंद्र भी चिन्हित किए हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंच चुके हैं और स्थिति की निगरानी जारी है।
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि चमोली में मॉनसून के दौरान बादल फटने, भूस्खलन और भारी वर्षा कितनी विनाशकारी हो सकती है। पिछले महीनों में चमोली सहित कई जिलों में ऐसी घटनाएँ बढ़ी हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे