बॉलीवुड अभिनेत्री दिव्या खोसला ने हाल ही में बॉटॉक्स और फिलर जैसे कॉस्मेटिक ट्रेंड पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आजकल बॉलीवुड और हॉलीवुड में सितारे इनका इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके कारण ज्यादातर चेहरों में एक जैसी बनावट देखने को मिल रही है। दिव्या का कहना है कि अब लोग देखकर ही पहचान लेते हैं कि कौन-सा सेलिब्रिटी किस डॉक्टर के पास गया है और उसने मुंबई या दुबई में किस क्लिनिक से ट्रीटमेंट कराया है। हालांकि, दिव्या का मानना है कि प्राकृतिक सुंदरता ही असली खूबसूरती है और इसे बदलने की कोई ज़रूरत नहीं है।दिव्या ने लोगों को सलाह दी कि वे या तो फिलर्स और बॉटॉक्स से पूरी तरह दूरी बनाए रखें या फिर प्राकृतिक तरीके से उम्र बढ़ने दें
उन्होंने हॉलीवुड स्टार काइली जेनर का उदाहरण देते हुए कहा कि काइली ने बहुत कम उम्र में लिप फिलर्स का इस्तेमाल शुरू कर दिया था, जिसके कारण उनके चेहरे पर समय से पहले परिपक्वता झलकने लगी है। दिव्या का मानना है कि आजकल लोग अपनी असली पहचान और आत्मविश्वास को भूलते जा रहे हैं और बाहरी सुंदरता पर ही निर्भर होते जा रहे हैं, जो मानसिक और शारीरिक दोनों दृष्टि से हानिकारक है।
दिव्या खोसला इन दिनों अपनी फिल्म एक चतुर नार को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया है जो आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए अपने परिवार के लिए संघर्ष करती है। उन्होंने कुछ मीडिया पोर्टल्स पर आरोप लगाया कि उनकी फिल्म की कमाई को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। दिव्या का यह बयान इंडस्ट्री में बढ़ते कृत्रिम सौंदर्य के प्रति जागरूकता फैलाने और नेचुरल ब्यूटी को अपनाने का संदेश देता है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे