अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों – रोसनेफ्ट और लुकोइल – पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि रूस ने अब तक शांति प्रक्रिया में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, इसलिए यह कार्रवाई आवश्यक थी। यह ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यूक्रेन से जुड़े ऊर्जा प्रतिबंधों की पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि भारत रूस से “बहुत अधिक तेल नहीं खरीदेगा।” हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने इस दावे का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड या पुष्टि नहीं दी है। इससे पहले अगस्त में अमेरिका ने भारत पर 50% तक के टैरिफ लगाए थे, जिसके पीछे आंशिक कारण भारत द्वारा रूस से तेल आयात जारी रखना बताया गया था।
विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप के नए प्रतिबंधों के बाद भारत के लिए रूस से कच्चा तेल खरीदना लगभग असंभव हो जाएगा, क्योंकि जिन कंपनियों पर पाबंदी लगाई गई है, वे रूस के तेल निर्यात का बड़ा हिस्सा संभालती हैं। भारतीय रिफाइनर अब अपने आयात अनुबंधों की समीक्षा कर रहे हैं ताकि संभावित अमेरिकी कार्रवाई से बचा जा सके।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे