अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लागू किए गए कड़े H-1B वर्क वीज़ा और स्टूडेंट वीज़ा नियमों ने भारत में बड़ी सामाजिक असर डाला है। यह असर सिर्फ रोज़गार तक सीमित नहीं है, बल्कि भारतीय युवाओं की शादी और शिक्षा की योजनाओं को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है।
भारत में लंबे समय से एनआरआई (NRI) वर-वधू को आदर्श विवाह प्रस्ताव माना जाता रहा है। लेकिन ट्रम्प की नई वीज़ा नीतियों के चलते अब यह चलन बदल रहा है। कई परिवार अब अमेरिका में बसे एनआरआई से शादी करने में झिझक रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि वीज़ा अस्वीकृति या आव्रजन नीतियों की अस्थिरता उनके बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर सकती है।
हरियाणा की एक मेडिकल छात्रा ने बताया कि उसने अपने एनआरआई मंगेतर से शादी का विचार छोड़ दिया क्योंकि “ट्रम्प ने हमारे सपनों के दरवाज़े बंद कर दिए।” वहीं, भारत के कई मैट्रिमोनियल प्लेटफॉर्म्स ने अब वीज़ा स्थिति (Visa Status) के आधार पर नए फ़िल्टर जोड़ दिए हैं, क्योंकि यह मुद्दा अब विवाह तय करने में निर्णायक बन गया है।
इसी तरह, भारतीय छात्र भी अमेरिकी वीज़ा अस्वीकृति से परेशान हैं। कई प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के वीज़ा आवेदन केवल सोशल मीडिया जांच या मामूली कारणों से रद्द कर दिए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 में भारत से अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 50% घट गई है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे