नेवॉर्ड रिकॉर्ड होल्डर और दुनिया के सबसे तेज धावक माने जाने वाले उसैन बोल्ट ने हाल ही में एक इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि अब उन्हें सीढ़ियाँ चढ़ते समय सांस फूलने लगती है। उन्होंने बताया कि रिटायरमेंट (2017) के बाद उनकी गतिविधियाँ बहुत बदल गई हैं – दौड़-भाग बहुत कम, और ज़्यादा समय वे अपने परिवार के साथ बिताते हैं, फिल्में देखते हैं, या लेगो जैसे शौक पूरे करते हैं। 39 वर्ष की आयु में बोल्ट ने कहा कि उनकी सेहत और फिटनेस पहले जैसी नहीं रही। उन्होंने कहा, “जब मैं सीढ़ियाँ चढ़ता हूँ, तो सांस फूल जाती है।
” उन्होंने जिम पर वर्कआउट करने की बात कही है, लेकिन नियमित दौड़ना अब नहीं करते। इस बदलाव की वजह पिछले साल हुआ चिल्लिएस टेंडन का फटना भी बताया जा रहा है। रिटायरमेंट के बाद बोल्ट ने बताया कि दिनचर्या अब काफी शांत हो गई है। सुबह उठकर बच्चों को स्कूल भेजने जैसा काम है, फिर जब कोई विशेष काम न हो तो आराम करना, सीरीज़ देखना, लेगो खेलना, अंत में परिवार के साथ समय बिताना। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में अगर फिर से शरीर को तैयार करना हो, तो दौड़ और सांस-फूलने की समस्या सुधारने के लिए कुछ अभ्यास करना होगा।
रिटायरमेंट के बाद बोल्ट ने बताया कि दिनचर्या अब काफी शांत हो गई है। सुबह उठकर बच्चों को स्कूल भेजने जैसा काम है, फिर जब कोई विशेष काम न हो तो आराम करना, सीरीज़ देखना, लेगो खेलना, अंत में परिवार के साथ समय बिताना। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में अगर फिर से शरीर को तैयार करना हो, तो दौड़ और सांस-फूलने की समस्या सुधारने के लिए कुछ अभ्यास करना होगा। हालाँकि बोल्ट अब प्रतिस्पर्धा नहीं करते, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी आत्मा अभी भी उसी प्रतिस्पर्धात्मक भावना से भरी है। उन्होंने नए स्प्रिंटर्स के बारे में कहा कि मशीनरी, ट्रैक या स्पाइक्स जैसी चीज़ें ज़रूरी हैं, लेकिन असली फर्क प्रतिभा से आता है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे