केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में स्थापित द्वारपालक (देवद्वार के रक्षक देवता) की मूर्तियों पर लगे सोने की परत वाले तांबे के पट्टों से जुड़ी अनियमितताओं की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया है। इस टीम का नेतृत्व एडीजीपी एच. वेंकटेश करेंगे।
यह विवाद उस समय सामने आया जब यह आरोप लगाया गया कि वर्ष 2019 और 2025 में मंदिर के नवीनीकरण कार्यों के दौरान जिन सोने-लेपित तांबे के पट्टों को चेन्नई और हैदराबाद की वर्कशॉप में मरम्मत के लिए भेजा गया था, उनके वजन और सोने की मात्रा में भारी अंतर पाया गया। इससे यह संदेह पैदा हुआ कि कहीं इस प्रक्रिया में सोने की चोरी या गड़बड़ी तो नहीं हुई।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इन पट्टों को गलत तरीके से संभाला गया और मरम्मत के बाद लौटाए गए पट्टों की गुणवत्ता और मात्रा पहले जैसी नहीं थी। उन्होंने अदालत से मांग की कि इस मामले की पारदर्शी जांच की जाए ताकि मंदिर की संपत्ति की सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले की गहन जांच जरूरी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं मंदिर की संपत्ति के साथ छेड़छाड़ या दुरुपयोग तो नहीं हुआ।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे