थाने की एक अदालत ने प्रमोद कन्हा पाटिल को उनकी पत्नी वैजयंती पाटिल और पुत्र पृथ्वी पाटिल पर अक्टूबर 2019 में किए गए क्रूर हमले के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह हमला उनके थाने स्थित घर में तब हुआ जब प्रमोद, जो कथित रूप से बेरोज़गार और शराब का आदी था, ने अपनी पत्नी पर कान छुरी से हमला किया। इस हमले में वैजयंती के शरीर पर 28 गंभीर चोटें आईं, जिनमें कई खोपड़ी में फ्रैक्चर और मस्तिष्क की चोटें शामिल थीं।
इस दौरान उनका छोटा बेटा पृथ्वी, जो हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहा था, अपने हाथ और माथे पर चोटें झेल बैठा। अभियोजन ने तर्क दिया कि यह हमला जानबूझकर किया गया था और यह किसी दुर्घटना का परिणाम नहीं हो सकता।
प्रतिवादी पक्ष ने दावा किया कि चोटें दुर्घटनावश लगीं, जैसे वैजयंती का तेज़ धार वाले बर्तन पर गिरना। हालांकि अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया और कहा कि 28 चोटें किसी सामान्य गिरावट से नहीं हो सकतीं। पुलिस ने हमला में उपयोग की गई खून से सनी चूड़ी और छुरी को सबूत के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने अभियोजन की दलीलों की पुष्टि की।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे