2025 में पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा अर्थव्यवस्था ₹65,000 करोड़ तक पहुंच गई, जिसमें कोलकाता का योगदान 65%–70% रहा। यह वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में 8%–10% अधिक है, भले ही भारी बारिश और जीएसटी 2.0 के कारण उपभोक्ताओं में सतर्कता देखी गई।
राज्यभर में लगभग 2,500 दुर्गा पूजा समितियों ने कुल ₹450 करोड़ खर्च किए, जिसमें मूर्तियों, सजावट, और अनुष्ठानों पर खर्च शामिल है। इससे कारीगरों, शिल्पकारों और छोटे व्यवसायों को लाभ हुआ।
खाद्य और पेय क्षेत्र में 20%–25% की वृद्धि देखी गई, जिससे ₹1,200 करोड़ से ₹1,500 करोड़ तक की आय हुई, जिसमें से 60% कोलकाता से आई। कोलकाता के आठ प्रमुख मॉलों ने ₹900 करोड़ की आय अर्जित की, जो पिछले वर्ष से 8%–10% अधिक है।
हालांकि, पारंपरिक बाजारों जैसे गरियाहाट और न्यू मार्केट में 20% की गिरावट आई, जिसका कारण मौसम और ऑनलाइन खरीदारी की ओर उपभोक्ताओं का रुझान था। कुछ खुदरा विक्रेताओं ने जीएसटी लाभ की प्रतीक्षा में बिक्री में मंदी का सामना किया।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे