पंचकूला: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पैसे लॉन्ड्रिंग नियंत्रण अधिनियम (PMLA) के तहत PACL लिमिटेड और उसके सम्बद्धानों के खिलाफ चल रही अटैक के हिस्से के तौर पर पंचकूला में लगभग ₹696.21 करोड़ की अचल संपत्तियों को जब्त किया है। यह कार्रवाई उस FIR पर आधारित है जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 19 फरवरी 2014 को दर्ज किया था, जिसमें PACL Ltd., PGF Ltd., स्वर्गीय निर्मल सिंह भांगू और अन्य नाम शामिल हैं। विशेष रूप से यह मामला एक लंबी धोखाधड़ी से जुड़ी है — PACL ने ज़बरदस्त संख्या में निवेशकों से करीब ₹48,000 करोड़ की राशि एकत्र की और उसे ग़लत तरीके से उपयोग या हेरफेर किया गया।
यह भी खुलासा हुआ है कि इन जमा की गई धनराशियों को “लेयरिंग” (विभिन्न ट्रांजैक्शनों के माध्यम से) द्वारा छुपाया गया था ताकि उनके अवैध स्रोतों को छिपाया जा सके। इस प्रक्रिया में ये निधियाँ अवैध गतिविधियों के माध्यम से प्राप्त हुई मानी जा रही हैं। अटैच की गई ये संपत्तियाँ कई निजी कंपनियों — जैसे कि DSS मेगासिटी प्राइवेट लिमिटेड .,सारामती रॉटर्स प्राइवेट लिमिटेड .,सारामती टेक्नो बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड ., शिव मेगासिटी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ., रोसेको बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, के नामों पर दर्ज हैं।
अब तक इस मामले में घरेलू और विदेशी दोनों तरह की चल और अचल संपत्तियों को मिलाकर लगभग ₹2,165 करोड़ की संपत्तियों को ED ने जब्त कर लिया है। इसके अलावा, इस धोखाधड़ी के आरोपों के तहत अब तक एक मुख्य चार्जशीट और दो पूरक चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे