नाटो (NATO) के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन युद्ध को लेकर जो सीधे सवाल किए, वह भारत की वैश्विक कूटनीतिक भूमिका को दर्शाता है।
स्टोलटेनबर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मोदी और पुतिन के बीच हुई खुली बातचीत यह संदेश देती है कि दुनिया शांति और स्थिरता चाहती है। उन्होंने कहा कि मोदी ने पुतिन से रूस की सैन्य रणनीति और उद्देश्यों को स्पष्ट करने के लिए जो सवाल पूछे, वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को उजागर करता है।
नाटो प्रमुख ने यह भी माना कि भारत और नाटो देशों के बीच व्यापारिक नीतियों और टैरिफ को लेकर मतभेद हैं, लेकिन उनका समाधान संवाद और सहयोग से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देशों के बीच सहयोग आज के भू-राजनीतिक संकटों से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।
मोदी का यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत रूस के साथ पुराने रक्षा और ऊर्जा संबंधों को बनाए रखते हुए अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ गहरे संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। यह भारत की संतुलित विदेश नीति और उसकी बढ़ती वैश्विक ताकत को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी का यह कदम भारत को एक तटस्थ लेकिन प्रभावशाली मध्यस्थ के रूप में स्थापित कर रहा है, जो वैश्विक संघर्षों के समाधान में अहम भूमिका निभा सकता है।
स्टोलटेनबर्ग ने अंत में कहा कि नाटो भारत के साथ सुरक्षा, तकनीक और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर साझेदारी को मजबूत करना चाहता है, ताकि दुनिया में शांति कायम रह सके।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे