नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो, जो वर्तमान में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में कार्यरत हैं, अब अमेरिका छोड़कर स्विट्ज़रलैंड के ज़्यूरिख विश्वविद्यालय में शामिल होने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने पुष्टि की है कि दोनों अर्थशास्त्री जुलाई 2026 से ज़्यूरिख विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, बनर्जी और डुफ्लो दोनों को Lemann Foundation द्वारा वित्तपोषित प्रतिष्ठित चेयर प्रोफेसर पद पर नियुक्त किया गया है। वे यहां “Lemann Centre for Development, Education and Public Policy” नामक एक नए अनुसंधान केंद्र का नेतृत्व करेंगे। इस केंद्र का उद्देश्य विकास अर्थशास्त्र, शिक्षा नीति और सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में अनुसंधान को मजबूत करना और दुनिया भर के नीति-निर्माताओं व शिक्षाविदों को एक साथ जोड़ना होगा।
अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को वर्ष 2019 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला था। उन्हें यह सम्मान “वैश्विक गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयोगात्मक दृष्टिकोण” अपनाने के लिए दिया गया था। नोबेल के बाद से दोनों लगातार विकासशील देशों में नीतिगत सुधारों और सामाजिक अनुसंधान में सक्रिय रहे हैं।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे