महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने स्थिति गंभीर बना दी है। जलस्तर बढ़ने के कारण राज्य के कई बड़े बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। इससे नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और नदी किनारे बसे गांवों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है अधिकारियों के अनुसार, जयकवाड़ी बांध से अब तक करीब 1.25 लाख क्यूसेक पानी गोदावरी नदी में छोड़ा गया है। वहीं, सीना नदी के बांधों से 60,000 से 75,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। विदर्भ क्षेत्र में गोसिखुर्द बांध के 19 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
शनिवार से शुरू हुई भारी बारिश ने मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, सातारा, कोल्हापुर, मराठवाड़ा, विदर्भ और सोलापुर समेत कई जिलों को प्रभावित किया है। मुंबई में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। वहीं, अंधेरी सबवे में करीब दो फीट पानी भर जाने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाढ़ प्रभावित जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने राहत शिविरों में भोजन, आश्रय और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश भी दिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई हिस्सों में 30 सितंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने लोगों से बाढ़ संभावित इलाकों से दूर रहने, सतर्क रहने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर त्वरित राहत कार्य शुरू करने के लिए तैयार हैं।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे