लीह (लद्दाख) में गत बुधवार को राज्यhood की मांग को लेकर शुरू हुआ शांत प्रदर्शन हिंसक संघर्ष में बदल गया, जिसमें चार लोगों की जान गई और लगभग 80-100 लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद प्रशासन ने नगर में कर्फ्यू लगाया और सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी।
घटनाक्रम और मांगें
लीह एपेक्स बॉडी (LAB) द्वारा घोषित बंदी आंदोलन को हिंसा ने घेर लिया। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय और सरकारी संपत्तियों में आग लगाने की घटनाएं कीं। लॉ आदेश लागू कर, पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया।
हिरासत एवं सुरक्षा
सुरक्षा बलों ने मध्यरात्रि तक कार्रवाई करते हुए लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया है। अधिकारियों ने कहा कि कर्फ्यू लागू ज़ोन में स्थिति अभी नियंत्रित है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने इस हिंसा को एक साजिश करार देते हुए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने शांतिपूर्वक संवाद की अपील की।
आगे की दिशा
प्रशासन ने 6 अक्टूबर को केंद्र सरकार और स्थानीय प्रतिनिधियों के बीच होने वाली वार्ता को कड़ी निगाहों में रखा है। कर्फ्यू और सुरक्षा प्रतिबंध तब तक जारी रहेंगे, जब तक स्थिति पूरी तरह शांत न हो जाए।
इस तरह, लद्दाख के राजनीतिक आंदोलन ने अचानक हिंसक झुकाव लिया, जिससे इलाके की संवेदनशील राजनीतिक स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे