भारत सरकार ने कैश ऑन डिलीवरी (COD) ऑर्डरों पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की है। यह कदम उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों और सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टों के बाद उठाया गया है।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब एक उपभोक्ता ने पर पोस्ट कर बताया कि फ्लिपकार्ट ने उसके ऑर्डर पर ₹226 अतिरिक्त चार्ज लगाए, जिनमें “ऑफर हैंडलिंग फी”, “पेमेंट हैंडलिंग फी” और “प्रोटेक्ट प्रॉमिस फी” जैसे अस्पष्ट शुल्क शामिल थे। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इन शुल्कों को “डार्क पैटर्न” यानी भ्रामक व्यापारिक तकनीक बताया है, जो ग्राहकों को गलत तरीके से अतिरिक्त भुगतान करने पर मजबूर करती हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पुष्टि की कि उपभोक्ता मामलों का विभाग (Department of Consumer Affairs) को इस तरह की कई शिकायतें मिली हैं। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि क्या ये शुल्क उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अनुचित व्यापार प्रथाओं की श्रेणी में आते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में आज भी बड़ी संख्या में उपभोक्ता कैश ऑन डिलीवरी विकल्प को प्राथमिकता देते हैं, खासकर वे जो डिजिटल भुगतान से दूर हैं। ऐसे में इस पर अतिरिक्त शुल्क लगाना उन उपभोक्ताओं के साथ भेदभाव के समान है।
28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी
जांच के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं
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इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे