मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को करूर भगदड़ मामले में दायर की गई कई याचिकाओं को खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में घटना की CBI जांच या न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की गई थी। बता दें कि यह हादसा 27 सितंबर को अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्रि कझगम (TVK) की रैली के दौरान हुआ था, जिसमें कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई थी।
मदुरै खंडपीठ के न्यायमूर्ति एम. धंडपानी और न्यायमूर्ति एम. जॉதிரामन की पीठ ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा गठित जांच आयोग अभी प्रारंभिक चरण में है और इस स्तर पर न्यायिक हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा। अदालत ने यह भी कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में सीबीआई जांच की आवश्यकता नहीं है।
एक जनहित याचिका में राजनीतिक रैलियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) बनाने की मांग की गई थी। अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही प्रधान पीठ सरकार को निर्देश दे चुकी है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं को प्रधान पीठ के समक्ष आवेदन दायर करने की छूट दी गई।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत को आश्वस्त किया कि जब तक नई एसओपी तैयार नहीं हो जाती, तब तक गैर-निर्धारित क्षेत्रों में राजनीतिक सभाओं की अनुमति नहीं दी जाएगी। अदालत ने इस मामले में पीड़ितों को अधिक मुआवजा देने की मांग वाली एक याचिका पर भी राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और जवाब मांगा।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे