कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोलम्बिया के ईआईए विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान भारत में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसे देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए एक बड़ा खतरा करार दिया। राहुल गांधी ने कहा कि भारत की ताकत इसकी विविधता में निहित है, जिसमें विभिन्न परंपराएँ, धर्म और भाषाएँ शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र इसी विविधता को समायोजित करने और समाज में सामंजस्य बनाए रखने का मूल आधार है।
हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक वातावरण इस लोकतांत्रिक संरचना के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। राहुल गांधी ने सत्ताधारी भाजपा और उसकी विचारधारा से जुड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इसे "कायरता" का प्रतीक बताया और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान का हवाला देते हुए कहा कि सरकार शक्तिशाली देशों जैसे चीन के साथ सामना करने में हिचकिचा रही है।
इसके अलावा, उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर की कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सावरकर और उनके सहयोगियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमले को गर्व का विषय माना, जिसे गांधी ने कायरता की निशानी बताया।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे