चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 24 अक्टूबर 2025 को जम्मू और कश्मीर से चार राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव आयोजित किए जाएंगे। यह चुनाव पिछले कुछ वर्षों से लंबित थे क्योंकि तब तक संघ राज्य क्षेत्र में विधायिका का गठन नहीं हुआ था, जो इस तरह के चुनाव कराने के लिए आवश्यक है। इन सीटों के निर्वाचित सदस्यों के कार्यकाल फरवरी 2021 में समाप्त हो गए थे। उस समय विधायिका न होने के कारण चुनाव नहीं कराए जा सके थे। अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा के गठन के बाद आवश्यक निर्वाचन मंडल मौजूद है, जिससे द्विवार्षिक चुनाव कराना संभव हो गया है।
चुनाव के दिन वोटिंग सुबह से शाम तक आयोजित की जाएगी और मतदान समाप्त होने के एक घंटे बाद वोटों की गिनती की जाएगी। इस चुनाव में जम्मू और कश्मीर की राज्यसभा में प्रतिनिधित्व तय होगा, जो संघ राज्य क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
यह चुनाव इस दृष्टि से भी विशेष है कि यह जम्मू और कश्मीर के बंटवारे और दो संघ राज्य क्षेत्रों में विभाजन के बाद पहला राज्यसभा चुनाव होगा। इससे पहले यह क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के रूप में केंद्र शासित प्रदेश था, लेकिन अगस्त 2019 में इसे दो संघ राज्य क्षेत्रों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में विभाजित कर दिया गया। राज्यसभा में इन चार सीटों के लिए चुनाव से राजनीतिक समीकरण और केंद्र-राज्य संबंधों पर भी असर पड़ेगा। इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दल अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे और यह देखना रोचक होगा कि कौन से दल संघ राज्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व मजबूत करेंगे।
चुनाव आयोग ने सुनिश्चित किया है कि सभी चुनाव प्रक्रियाएं पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हों। इस चुनाव को लेकर राजनीतिक और जनता में काफी उत्सुकता है, और यह जम्मू-कश्मीर की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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