कांग्रेस के विदेश मामलों के विशेषज्ञ व भारतीय विदेश नीति पर पूर्व उपद्रष्टा सैम पित्रोड़ा ने कहा है कि उन्हें पाकिस्तान में “हमेशा घर जैसा महसूस हुआ”। उन्होंने साथ ही यह सुझाव दिया है कि भारत की विदेश नीति को अपने पड़ोसी देशों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सैम पित्रोड़ा ने यह टिप्पणी तब की जब वे भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की संभावना पर चर्चा कर रहे थे। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। भाजपा ने पित्रोड़ा की बातों पर तीखी निंदा की है और उन पर आरोप लगाया है कि उनका बयान संवेदनशील राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। भाजपा का कहना है कि पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के प्रति भारत की सख्त विदेश नीति की अपेक्षा जनता रखती है, और ऐसे वक्तव्यों से भारत की विदेश नीति की स्थिति कमजोर हो सकती है।
पित्रोड़ा ने कहा कि विदेश नीति की प्राथमिकता भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करना होनी चाहिए, क्योंकि क्षेत्रीय शांति एवं सहयोग से देश को कई लाभ हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्तर पर संपर्क कायम हो सकते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल हो सके। भाजपा नेताओं ने पित्रोड़ा के इस बयान को राजनीतिक रेखा पार करने वाला बताते हुए कहा है कि यह कहना कि “पाकिस्तान में घर जैसा महसूस हुआ”, भारत के लोगों की भावनाओं का ख्याल नहीं करता। उन्होंने विपक्ष से यह भी मांग की कि ऐसे वक्तव्यों के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी माँगी जाए।
यह बात राजनीति में नए सिरे से बहस को जन्म दे रही है कि भारत की विदेश नीति किस दिशा में होनी चाहिए , सौहार्दपूर्ण सहयोग पर आधारित, या कड़ा रुख अपनाते हुए। सैम पित्रोड़ा के सुझावों का राजनीतिक तथा जनता-स्तर पर मिश्रित प्रतिसाद देखने को मिला है। अगर चाहें, तो इस विवाद के संभावित प्रभावों और पिछली स्थिति-जटिलताओं के बारे में भी बता सकता हूँ?
इस चर्चा का समय महत्वपूर्ण है
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उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे