गाज़ा में जारी संघर्ष विराम के बीच सोमवार को हामास ने पहले सात इस्राइली बंधकों को अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस को सौंपा, जो इस समझौते की पहली कड़ी मानी जा रही है। इस कदम के बाद तेले अवीव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, जहाँ लोगों ने इस ऐतिहासिक पल का स्वागत किया।
इस बंधक रिहाई योजना के तहत 20 जीवित बंधकों को रिहा करने की बात कही गई है, जिनके बदले में हामास और अन्य गुटों की शर्तों के अनुसार 1,900 से अधिक फ़िलिस्तीनी बंदियों को मुक्त किया जाएगा। हालांकि, उन लगभग 28 मृत बंधकों की पार्थिव देहें अभी रिहा किए जाने की कोई पुष्टि नहीं हुई है, और उन्हें बाद में खोजने का आग्रह विश्व स्तर पर किया जा रहा है।
इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इज़रायल यात्रा पर विशेष ध्यान है। वे बंधकों के परिवारों से मिलने और इज़रायल की संसद किन्नेट को संबोधित करने वाले हैं, और इसके बाद वे मिस्र में एक शांति सम्मेलन में शामिल होंगे। शांति शिखर सम्मेलन शार्म एल-शीख में कई विश्व नेताओं की मौजूदगी होगी, भले ही इज़रायल और हामास दोनों ही सम्मेलन में भाग न ले रहे हों।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे