इज़रायल ने गाज़ा की ओर जा रही एक नौका (फ्लोटिला) को बीच समुद्र में रोक लिया और उसमें सवार कई अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं में मशहूर जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल हैं।
आयोजकों का आरोप है कि इज़रायल ने “गैरकानूनी तरीके” से इस नौका को रोका। इस मिशन का उद्देश्य गाज़ा पर लगाए गए नौसैनिक नाकेबंदी को तोड़ना और वहां मानवीय सहायता पहुँचाना था। साथ ही, इसका मकसद गाज़ा की गंभीर मानवीय स्थिति पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना भी था।
ग्रेटा थनबर्ग, जो पर्यावरण आंदोलन की वैश्विक प्रतीक मानी जाती हैं, इस मिशन में इसलिए शामिल हुईं ताकि गाज़ा के लोगों की समस्याओं और नागरिकों पर पड़ रहे मानवीय संकट को उजागर किया जा सके। उनके अनुसार, गाज़ा में चल रही नाकेबंदी आम नागरिकों को प्रभावित कर रही है और यह मानवीय मूल्यों के खिलाफ है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे