गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने साफ किया है कि राज्य सरकार का बीफ पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है। हाल ही में सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाहें फैल रही थीं कि “स्पिरिचुअल टूरिज्म” यानी आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर गोवा में खाने-पीने पर पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। इन खबरों को मंत्री ने झूठा और भ्रामक बताया।
खौंटे ने कहा कि गोवा अपनी खानपान की आज़ादी और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जाना जाता है। यहाँ हर धर्म और समुदाय के लोग एक-दूसरे के त्योहारों और परंपराओं में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा, “गोवा की पहचान विविधता में एकता है, और सरकार किसी के खाने पर रोक लगाने का इरादा नहीं रखती।”
मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, “जो खाना है, खाओ, मज़ा करो”, यानी गोवा में हर किसी को अपनी पसंद का भोजन चुनने की पूरी स्वतंत्रता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य का पर्यटन विभाग किसी भी तरह की डाइटरी पाबंदी (food restriction) लगाने की योजना नहीं बना रहा है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे