इस सितंबर में खेली गई एशिया कप 2025 की प्रतियोगिता में भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत ने दर्शकों के बीच उत्साह और तनाव दोनों बढ़ा दिए। यह मुकाबला इस टूर्नामेंट का पहला फाइनल था, जिसमें दोनों टीमों ने अपने स्तर और देशभक्ति का जोर दिखाया।
मैदान पर
भारत ने फाइनल तक का सफर बेहतरीन खेल के साथ तय किया, ग्रुप और सुपर फोर स्टेज में लगातार जीत दर्ज की। पाकिस्तान ने भी अपने प्रदर्शन से जगह बनाई, विशेषकर बांग्लादेश के खिलाफ सुपर फोर मैच में कठिन जीत के बाद। दोनों टीमों के बीच पहले मुकाबलों में क्रिकेट का स्तर उच्च और भावनात्मक रूप से भारी रहा। खिलाड़ियों ने हर रन और विकेट पर पूरा दम लगाया।
मैदान के बाहर
मैदान के बाहर भी तनाव कम नहीं था। टॉस के समय भारत ने पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाने से इनकार किया, जो पारंपरिक शिष्टाचार का उल्लंघन माना गया। पाकिस्तान ने मैच रेफरी एंडी पायकॉफ्ट को लेकर विरोध जताया और मैचों में देरी की धमकी भी दी। इस बीच ICC ने दोनों टीमों के खिलाड़ियों को अनुशासनहीनता के लिए जुर्माना भी लगाया। सोशल मीडिया और बोर्ड के बयान राजनीतिक तनाव को बढ़ाते रहे, जिससे हर छोटी-सी घटना पर विवाद खड़ा हो गया।
इस फाइनल ने केवल खेल ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावना, खेल नीतियों और सम्मान की चुनौती भी सामने रखी। हर रन, विकेट और छोटी-सी हरकत का मतलब सिर्फ स्कोर बोर्ड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह दर्शाता रहा कि भारत-पाकिस्तान मुकाबले में क्रिकेट केवल खेल नहीं, बल्कि भावना और प्रतिष्ठा का प्रतीक बन जाता है।
इस फाइनल ने यह साबित कर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच का खेल, मैदान पर प्रतिस्पर्धा तो है ही, साथ ही यह राजनीतिक और सामाजिक प्रतीकों के माध्यम से दोनों देशों की भावना और इतिहास को भी दर्शाता है।
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इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे