नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने अमेरिकी नागरिक और प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) के जनरल काउंसल गुरपवन्त सिंह पन्नून के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में तिरंगा फहराने से रोकने के लिए सिख सैनिकों को भड़काने की कोशिश की।
एनआईए के अनुसार, पन्नून ने वॉशिंगटन से जारी एक वीडियो संदेश में ऐसे सैनिकों को 11 करोड़ रुपये का इनाम देने की पेशकश की थी जो प्रधानमंत्री को तिरंगा फहराने से रोक सकते। इस दौरान उन्होंने प्रस्तावित “खालिस्तान” का नक्शा भी पेश किया, जिसमें पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश शामिल होने का दावा किया गया।
एफआईआर में कहा गया है कि पन्नून के बयान और कार्रवाई “भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा को बाधित करने” और “सिख समुदाय में देश के प्रति असंतोष फैलाने” के बराबर है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता और अवैध गतिविधियों (निवारण) अधिनियम, 1967 (UAPA) की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
इस मामले को दर्ज करने का निर्देश गृह मंत्रालय ने दिया था। मंत्रालय ने कहा कि इस अपराध की गंभीरता, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव तथा व्यापक साजिश की जांच की आवश्यकता को देखते हुए एनआईए को मामला सौंपा गया। एफआईआर में गुरपवन्त सिंह पन्नून और “अनजान अन्य व्यक्तियों” को आरोपी बताया गया है।
एनआईए अब इस मामले की जांच कर रही है ताकि साजिश के पीछे के पूरे नेटवर्क और अन्य शामिल व्यक्तियों को चिन्हित किया जा सके। अधिकारियों ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना और ऐसे किसी भी अंतरराष्ट्रीय खतरों से निपटना है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे