छत्तीसगढ़ में चल रहे शराब घोटाले की जांच में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी जनवरी 2025 में दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है, जिसमें भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों की जांच की जा रही है। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जुलाई में चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था और उन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने शराब घोटाले से जुड़े 1,000 करोड़ रुपये के लेन-देन को संचालित किया। उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया गया है।
इस मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी निरंजन दास की भी गिरफ्तारी हुई है, जो राज्य के आबकारी विभाग के पूर्व आयुक्त रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने इस सिंडिकेट को संचालित करने में मदद की।
कांग्रेस पार्टी ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है और आरोप लगाया है कि यह सरकार की आलोचना करने वालों को दबाने की साजिश है।
यह मामला छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के गंभीर आरोपों को उजागर करता है, जो राज्य की राजनीति और प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे