सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक नाटकीय घटना के दौरान 71 वर्षीय निलंबित वकील राकेश किशोर ने भारत के चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवाई पर जूता फेंकने का प्रयास किया। इस घटना के बाद उनके खिलाफ क्रिमिनल कॉन्टेम्प्ट (अवमानना) की कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इस संबंध में एटॉर्नी जनरल से अनुमति मांगी गई है।
घटना के समय किशोर को सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत रोका। इसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें निलंबित कर दिया और देश के किसी भी कोर्ट, ट्रिब्यूनल या प्राधिकरण में पेश होने से रोक दिया। किशोर को शो-कॉज नोटिस भी जारी किया गया है, जिसमें उन्हें 15 दिनों के भीतर बताना होगा कि निलंबन क्यों न हटाया जाए और आगे की कार्रवाई क्यों न की जाए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज रफ्तार में आईं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह “हर भारतीय की भावनाओं को आहत करने वाली और पूरी तरह अस्वीकार्य” है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई और CJI गवाई की शांति और संयम की सराहना की। कांग्रेस, CPI, CPI(M), NCP-SP, शिव सेना (UBT) और DMK सहित कई विपक्षी दलों ने इसे संविधान पर हमला करार देते हुए कहा कि यह दिखाता है कि “घृणा और कट्टरता ने समाज को अपनी चपेट में ले लिया है।”
इस चर्चा का समय महत्वपूर्ण है
28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी
जांच के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं
भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए एक मजबूत आधार
भविष्य में नुकसान रोकने के लिए कड़ी निगरानी
एक साथ पौधा रोपण कर अपनी दोस्ताना भावनाओं का प्रतीक प्रस्तुत किया
एक छात्रा के साथ कथित रूप से यौन उत्पीड़न की घटना हुई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद से मुलाकात की
त्योहार के दौरान हवाई किराए में अनावश्यक बढ़ोतरी
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सीतारमण की यह याचिका खारिज कर दी
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे