संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की “महिलाएं, शांति और सुरक्षा” पर हुई बहस में भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को “भ्रमित और झूठा प्रचार” करार देते हुए कड़ा जवाब दिया। भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि परवतनेनी हरीश ने पाकिस्तान की प्रतिनिधि साइमा सलीम द्वारा लगाए गए आरोपों को “पाकिस्तान की पुरानी आदत” बताया और कहा कि इस देश की नीति झूठ और दुष्प्रचार पर आधारित है।
पाकिस्तानी राजनयिक साइमा सलीम ने अपने भाषण में आरोप लगाया था कि भारत जम्मू-कश्मीर में महिलाओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ अत्याचार कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत “संरचनात्मक दंडमुक्ति” की नीति अपना रहा है और सुरक्षा बलों पर महिलाओं के साथ हिंसा के गंभीर आरोप लगाए। सलीम ने यह मांग भी की कि महिलाओं, शांति और सुरक्षा से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों में “कश्मीरी महिलाओं की दुर्दशा” को शामिल किया जाए।
इस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान का इतिहास ही महिलाओं और मानवाधिकारों के दमन से भरा है। हरीश ने पाकिस्तान को 1971 के “ऑपरेशन सर्चलाइट” की याद दिलाई, जब तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में हजारों लोगों की हत्या और महिलाओं के साथ अत्याचार किए गए थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का झूठा प्रचार अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उजागर हो चुका है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे