अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इज़रायल-हमास युद्ध को समाप्त करने के लिए पेश की गई 20 बिंदुओं वाली नई शांति योजना का भारत ने स्वागत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास” की दिशा में एक व्यावहारिक और व्यवहारिक रास्ता बताया। उन्होंने आशा जताई कि यह योजना इज़रायल और फ़िलिस्तीन दोनों के लिए स्थायी समाधान ला सकती है।
इस योजना के तहत सबसे पहले युद्धविराम लागू करने और 72 घंटों के भीतर सभी बंधकों—चाहे जीवित हों या मृत—को रिहा करने का प्रावधान है। इसके बाद इज़रायल 250 आजीवन कारावास की सज़ा पाए फ़िलिस्तीनी कैदियों और युद्ध शुरू होने के बाद से हिरासत में लिए गए 1,700 गाज़ावासियों को रिहा करेगा। वहीं, हमास से अपेक्षा की गई है कि वह शासन छोड़कर या तो निरस्त्रीकरण करे या सुरक्षित मार्ग स्वीकार करे।
ट्रंप की योजना के अनुसार, गाज़ा का पुनर्गठन “न्यू गाज़ा” के रूप में होगा, जिसे अस्थायी रूप से स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया जाएगा। इसकी निगरानी “बोर्ड ऑफ़ पीस” करेगा, जिसकी अध्यक्षता स्वयं ट्रंप करेंगे। इसमें टोनी ब्लेयर जैसे वैश्विक नेता भी शामिल होंगे। इसके अलावा, मानवीय सहायता संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में बिना किसी हस्तक्षेप के फिर से शुरू की जाएगी।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे