विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात करेंगे। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब दोनों देशों के बीच व्यापार शुल्क और वीज़ा नीतियों को लेकर तनाव बढ़ गया है। हाल ही में अमेरिका ने नए H-1B वर्क वीज़ा के लिए शुल्क को बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर कर दिया है, जिससे भारतीय आईटी पेशेवरों और कंपनियों में नाराज़गी है। हालांकि यह नियम पहले से वीज़ा धारकों पर लागू नहीं होगा, लेकिन भविष्य में आवेदन करने वालों के लिए यह भारी आर्थिक बोझ साबित हो सकता है।
व्यापार संबंधी मुद्दे भी इस वार्ता का अहम हिस्सा होंगे। भारत ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को अमेरिका भेजा है ताकि दोनों देशों के बीच एक संतुलित और लाभकारी व्यापार समझौता हो सके। हाल ही में अमेरिका ने कुछ भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ा है। भारत का मानना है कि आपसी समझ और सहयोग से इन मतभेदों को दूर किया जा सकता है।
यह बैठक भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा देने का मौका मानी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी में काफी प्रगति हुई है, लेकिन वीज़ा और व्यापार जैसे मुद्दों पर चुनौतियां बनी हुई हैं। अगर यह बातचीत सफल होती है, तो इससे न केवल व्यापारिक समझौते मजबूत होंगे बल्कि वीज़ा नियमों में भी स्पष्टता आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है और इससे दोनों देशों के बीच भरोसा और सहयोग और गहरा हो सकता है।
इस कदम से भारतीय निर्यातों पर भारी दबाव पड़ा है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पंजाबी भाषा सीखने का उनका अनुभव बेहद प्रेरणादायक रहा...
जाँच से पता चला है कि घटना मंगलवार रात हुई थी।
सौभाग्य से इस घटना में सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित रहे