दिया मिर्ज़ा का प्रकृति के प्रति समर्पण और योगदान
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर हम अभिनेत्री, फिल्म निर्माता, मॉडल और पर्यावरण उद्यमी दिया मिर्ज़ा के प्रकृति के प्रति समर्पण और योगदान को सम्मानपूर्वक याद करते हैं। फिल्मों से प्रसिद्धि पाने के बाद भी दिया ने अपने प्रभाव का उपयोग पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ विकास के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए किया। वह आज भारत की सबसे सक्रिय और प्रभावशाली पर्यावरण कार्यकर्ताओं में से एक हैं।
दिया मिर्ज़ा को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए चुना है। वे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की गुडविल एम्बेसडर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव की सतत विकास लक्ष्यों की एडवोकेट, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) की एम्बेसडर, सेव द चिल्ड्रन की आर्टिस्ट एम्बेसडर, सैंक्चुअरी नेचर फाउंडेशन की बोर्ड सदस्य और इंटरनेशनल फंड फॉर एनिमल वेलफेयर (IFAW) की ग्लोबल एम्बेसडर हैं।
उनकी सबसे उल्लेखनीय पहलों में से एक है WTI के साथ उनका कार्य। ‘गज यात्रा’ जैसे अभियानों के माध्यम से उन्होंने हाथियों के गलियारों के महत्व पर जोर दिया। असम के काज़ीरंगा में अनाथ हाथियों और गैंडे के बच्चों के पुनर्वास में भी उन्होंने सक्रिय भागीदारी निभाई। वन्यजीवों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और सक्रियता के लिए उन्हें ‘वाइल्डलाइफ एडवोकेट ऑफ द ईयर’ सम्मान से नवाज़ा गया।
दिया मिर्ज़ा की यह भूमिका बताती है कि जब दुनिया गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रही हो, तब जागरूकता और संवेदनशीलता फैलाने वाले ऐसे प्रयास बेहद जरूरी हैं। उनका काम इस बात का प्रमाण है कि जब जुनून, उद्देश्य और दृढ़ संकल्प एक साथ आते हैं, तो बदलाव संभव है। आज के दिन, उन सभी महिलाओं को भी सलाम है जो प्रकृति की रक्षा में अपना योगदान दे रही हैं और लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं।