पंजाब सरकार ने पंजाबी भाषा को सभी स्कूलों में अनिवार्य विषय घोषित किया
पंजाब- पंजाब सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में, चाहे वे किसी भी शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हों, पंजाबी भाषा को मुख्य और अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाने का आदेश जारी किया है। इस निर्णय के तहत, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), और भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (CISCE) से संबद्ध सभी स्कूलों में कक्षा 10 में पंजाबी को मुख्य विषय के रूप में शामिल करना अनिवार्य होगा।
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने तत्काल प्रभाव से एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसके अनुसार पंजाबी कक्षा 10 का मुख्य विषय होगा, चाहे स्कूल किसी भी शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हो। उन्होंने स्पष्ट किया, "यदि पंजाबी को मुख्य विषय के रूप में नहीं पढ़ाया जाता है, तो उस स्थिति में कक्षा 10 का प्रमाणपत्र अमान्य माना जाएगा। यह सभी बोर्डों पर लागू होगा।"
यह निर्णय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की उस मसौदा नीति के बाद आया है, जिसमें कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए पंजाबी को मुख्य विषयों की सूची से बाहर रखा गया था। इस मसौदा नीति में विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी को मुख्य विषयों के रूप में शामिल किया गया था, जबकि क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं को एक समूह में रखा गया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिक्षा मंत्री बैंस ने कहा, "यह पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश है।"
बैंस ने यह भी आरोप लगाया कि मसौदा नीति में पंजाबी को क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं की सूची से भी हटा दिया गया है, जबकि थाई, जर्मन और फ्रेंच जैसी विदेशी भाषाओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, "मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को एक कड़ा पत्र लिखा है, जिसमें इस 'क्लेरिकल गलती' के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हर पंजाबी इस से आहत है।"
हालांकि, CBSE ने स्पष्ट किया है कि मसौदा नीति में दी गई भाषाओं की सूची केवल सांकेतिक है और वर्तमान में पेश की जा रही सभी भाषाएं, जिनमें पंजाबी भी शामिल है, जारी रहेंगी। CBSE परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, "मसौदा नीति में सूची केवल सांकेतिक है। वर्तमान में पेश की जा रही सभी भाषाएं जारी रहेंगी।"
इस बीच, पंजाब सरकार ने मोहाली स्थित एक निजी स्कूल, एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, पर पंजाबी भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में न पढ़ाने के लिए ₹50,000 का जुर्माना लगाया है। शिक्षा मंत्री बैंस ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्कूल 'पंजाब लर्निंग ऑफ पंजाबी एंड अदर लैंग्वेजेज एक्ट, 2008' का उल्लंघन कर रहा था, जो पंजाबी को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाने का प्रावधान करता है।
इसके अतिरिक्त, पंजाब सरकार ने राज्य के लिए अपनी स्वयं की शिक्षा नीति लाने की घोषणा की है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन जल्द ही किया जाएगा, जो नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करेगी। इस निर्णय से स्पष्ट है कि पंजाब सरकार राज्य में पंजाबी भाषा और संस्कृति की सुरक्षा और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है, और किसी भी ऐसी नीति का विरोध करेगी जो इस दिशा में बाधा उत्पन्न करती है।