चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र की मंजूरी, 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय लैंडिंग का लक्ष्य
श्रीहरिकोटा- इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में महत्वाकांक्षी चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है। यह मिशन भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार ने 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय लैंडिंग के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस मिशन को स्वीकृति दी है।
इसरो अध्यक्ष ने आगे बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी को 2035 तक भारत का खुद का स्पेस स्टेशन स्थापित करने का भी कार्य सौंपा गया है। यह निर्णय भारत के बढ़ते अंतरिक्ष कार्यक्रम और वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में उसकी भागीदारी को और मजबूत करेगा। चंद्रयान-5 मिशन से भारत को चंद्रमा की सतह पर और अधिक उन्नत अनुसंधान करने का अवसर मिलेगा, जिससे भविष्य में गहरे अंतरिक्ष अभियानों की राह आसान होगी।
चंद्रयान-5 मिशन चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारत के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम में अगला बड़ा कदम होगा। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर सुरक्षित और प्रभावी लैंडिंग के साथ-साथ वैज्ञानिक प्रयोगों को आगे बढ़ाना है। यह मिशन भारत को चंद्रमा की सतह पर स्थायी अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की दिशा में भी आगे ले जा सकता है।
इसरो ने हाल के वर्षों में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर काम किया है, जिसमें गगनयान, आदित्य-एल1 और मंगलयान शामिल हैं। अब भारत के लिए अपने खुद के अंतरिक्ष स्टेशन की योजना और चंद्रमा पर लैंडिंग मिशन एक नई चुनौती होगी, जो देश की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को विश्व स्तर पर और अधिक प्रतिष्ठा दिलाएगी।
सरकार और इसरो इस मिशन को सफल बनाने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक, तकनीकी और औद्योगिक साझेदारियों पर भी कार्य कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में चंद्रयान-5 और अन्य अंतरिक्ष परियोजनाओं से भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी और वैश्विक स्तर पर देश की स्थिति और मजबूत होगी।